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में नारी
में नारी,
काम होने से,
मेरी में सबको प्यारी,
काम ख़तम होने से,
में नहीं जरूरी।
में नारी,
स्त्री, माँ, बेहेन के रूप में,
में सबको प्यारी,
बेटी के रूप में,
मेरे अस्तित्व पे सवाल भारी।
में नारी,
सब कहते है में ,
दो परिवार की उधार कारी,
सच तो यह है कि में,
बोझ से भी मेरा वजन है भारी।
में नारी,
सलवार, के साथ शाड़ी पहनूं,
तो में सबसे संस्कारी,
और jeans और tops ,
पहनलू तो में बदमाश भारी।
में नारी,
सब के बात मानकर घर में रहूं,
तो में सबको प्यारी,
घर से बाहर निकलें तो,
मेरा चरित्र खराप भारी।
में नारी,
जननी, मां, बहन,
कितने नाम है मेरी,
पर बोझ, माल,
rape victim के नाम से में प्रसिद्ध भारी।
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