स्वाधीनता
सुदीर्घ हो बढ़ते रहे,
कदम हमारे चलते रहे।
नीव पड़ी जो विकास कि ,
उस ओर हम सुपथ चले।
नित्यनुत्न चिरपुरातन,
है संस्कृति हमारी,
माँ भारती वंदन तेरा,
माँ भारती हमारी।
व्याप्त है देखो ये भारत,
ईश्वर का आशीर्वाद है।
विश्व मे है गूंज रहा ,
"ऊँ" का आवाज है।
फैल रहा मेरा तिरंगा ,
ये यात्रा महान है।
है आह्वान आपका,
आपका हि गुणगान है।
आओ धमक हमारा देखो,
इस माटी की शक्ति देखो,
सिचा जिसको भक्ति ने है,
उस माटी की सिद्धी देखो।
आ गया वो सुअवसर ,
जिसे हम मनाने आए है,
आप सबको सहृदय बधाई,
स्वाधीनता जो पाए है।
© श्रीहरि
कदम हमारे चलते रहे।
नीव पड़ी जो विकास कि ,
उस ओर हम सुपथ चले।
नित्यनुत्न चिरपुरातन,
है संस्कृति हमारी,
माँ भारती वंदन तेरा,
माँ भारती हमारी।
व्याप्त है देखो ये भारत,
ईश्वर का आशीर्वाद है।
विश्व मे है गूंज रहा ,
"ऊँ" का आवाज है।
फैल रहा मेरा तिरंगा ,
ये यात्रा महान है।
है आह्वान आपका,
आपका हि गुणगान है।
आओ धमक हमारा देखो,
इस माटी की शक्ति देखो,
सिचा जिसको भक्ति ने है,
उस माटी की सिद्धी देखो।
आ गया वो सुअवसर ,
जिसे हम मनाने आए है,
आप सबको सहृदय बधाई,
स्वाधीनता जो पाए है।
© श्रीहरि