दिल ये बेचैन हैं
दिल ये बेचैन हैं, तेरी यादों में,
ढुंढने लगे हैं अब हम तुम्हें, हमारे ख्वाबों में|
दिल ये धडकता हैं क्यों, देखते ही तुम्हें?
शायद, हर रोज तुम्हें देखने कि आदत हो गयी हैं अब हमें|
जब नजरों के सामने, नही होती हो तुम,
पता नही, ये दिल हो जाता हैं कही गुम|
रात के उस चांद में भी, बस दिखने लगी हो तुम,
न जाने ऐसा लगता हैं जैसे, हमारे दिल में अब रहने लगी हो तुम|
ये दिल है तो बडा नाजूक, जो थोडा भी दर्द ना सहें,
तुमसे बातें करने के लिये, ये दिल रोज यूहीं तड्पे|
बोल के बोल के थक जाते हैं हम, जरा मुस्कुराओं तो तुम,
बस, उस मुस्कुराहट को देखने के खातीर, पागलों कि तरह नाचने लगते हैं हम|
तुम्हारी उस मुस्कुराहट से, लगता हैं जैसे आसमान मैने छू लिया,
हम तुमसे प्यार करते हैं सनम, क्योंकी हमने आपको ये दिल दे दिया|
© yogi
ढुंढने लगे हैं अब हम तुम्हें, हमारे ख्वाबों में|
दिल ये धडकता हैं क्यों, देखते ही तुम्हें?
शायद, हर रोज तुम्हें देखने कि आदत हो गयी हैं अब हमें|
जब नजरों के सामने, नही होती हो तुम,
पता नही, ये दिल हो जाता हैं कही गुम|
रात के उस चांद में भी, बस दिखने लगी हो तुम,
न जाने ऐसा लगता हैं जैसे, हमारे दिल में अब रहने लगी हो तुम|
ये दिल है तो बडा नाजूक, जो थोडा भी दर्द ना सहें,
तुमसे बातें करने के लिये, ये दिल रोज यूहीं तड्पे|
बोल के बोल के थक जाते हैं हम, जरा मुस्कुराओं तो तुम,
बस, उस मुस्कुराहट को देखने के खातीर, पागलों कि तरह नाचने लगते हैं हम|
तुम्हारी उस मुस्कुराहट से, लगता हैं जैसे आसमान मैने छू लिया,
हम तुमसे प्यार करते हैं सनम, क्योंकी हमने आपको ये दिल दे दिया|
© yogi