...

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अकविता
सोचा आज फिर एक कविता लिख दु
फिर सोचा उसमे क्या क्या ना मैं दु
भाव मनोभाव दर्द टीस सौभाग्य दुर्भाग्य या
वर्तमान लिख दु
अतीत की कुछ कुंठाए कुछ अधूरे स्वप्न
या असफलताएं लिख दूं
खुद को लिख दू या मेरा कुछ लिख दू
कविता बद्ध कर पाऊ शब्द वर्ण इतना तो सामर्थ्य नहीं मेरा
सोचा साहित्य की नवीनतम विधा अकविता लिख दू
पर डरती हु कही कुछ कटु सत्य न लिख दू
सोच रही हु मैं भी एक अकाविता लिख दू।