क्यों होता है भयभीत तू...😨 ✍️✍️( कविता)
क्यों होता है भय भीत तू
हर बाजी लेगा जीत तू
देख सूर्य अभी भी उदय हुआ
कृष्ण निशा का विरह हुआ
प्रफुल्लित हो आनंदित हो
हर पुष्प खुदी सुगंधित हो
निज उर में धीरज धारण कर
हर व्याधि का आप निवारण कर
तीव्र रोष काबू में रख
मन कुटिल दोष काबू में रख
मन प्रसन्न हो जायेगा
हर जीव से रख बस प्रीत तू
क्यों......
चाहत हो तुझे बहारों की
इच्छा हो चांद सितारों की
फिर मेहनत का सैलाब उठा
अपने हक में जवाब उठा
जो पूरे करना चाहता...
हर बाजी लेगा जीत तू
देख सूर्य अभी भी उदय हुआ
कृष्ण निशा का विरह हुआ
प्रफुल्लित हो आनंदित हो
हर पुष्प खुदी सुगंधित हो
निज उर में धीरज धारण कर
हर व्याधि का आप निवारण कर
तीव्र रोष काबू में रख
मन कुटिल दोष काबू में रख
मन प्रसन्न हो जायेगा
हर जीव से रख बस प्रीत तू
क्यों......
चाहत हो तुझे बहारों की
इच्छा हो चांद सितारों की
फिर मेहनत का सैलाब उठा
अपने हक में जवाब उठा
जो पूरे करना चाहता...