...

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नियम अमूर्त
कहें तो राजनीति शास्त्र अमूर्त है
पर कार्य करने वाले तो होते मूर्त हैँ
आंख नाक कान जब रखते मूर्त हैँ
नियम अमूर्त पालनकरता मूर्त हैँ ।।
Ppb
पूनम पाठक बदायूँ
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