...

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waqt
वक़्त मार भी है , वक़्त मरहम भी है !
हर एक ज़ख्म को भर दे , ये वो हमदम भी है !
वक़्त साथ हो तो , सब कुछ पास है !

वक़्त गर रूठे तो " तख़्त - ओ - ताज़ भी है झूठे !"
वक़्त की कीजिये क़दर ,
इसकी वज़ह से ही है आपकी क़दर !
झूठे ख्वाब में मत रहिएगा ,
वक़्त खराब हुआ तो अपने साथ देंगे !
वो अपने ही आपसे दामन बचा के निकलेंगे !

दरअसल वो आप के नहीं , आपके वक़्त है कदरदान !
ग़ौर से देखिये जिन्होंने की थी , कभी आपसे तीखी बातें !
आज वो भी मुँह से मिश्री हैं बरसातें !

ज्यादा दूर मत जाइये ,
बस अपने आस - पास नज़र घुमाइए !
जिन्होंने कल तक दी थी केवल बदुवाऐं !
आज आपकी खैर मॉंग , देते हैं आपको दुवाऐं !

वक़्त मार भी है , वक़्त मरहम भी है !
हर एक जख्म को भर दे , ये वो हमदम भी है !!!!!!


© NehaV