हवामेंपत्ती
#हवामेंपत्ती
जाने कैसे बनी मेरी हस्ती
यही सोचे जा रही
ख्वाबों ख्यालों में
अपने आप में ही बुदबुदा रही
हवा में पत्ती उड़ रही
जाने क्या ये मुझसे
उड़ते उड़ते कह रही
अब तक जो मंजिल हासिल
कर न पाई मैं
अब ये हवा जाने
कहाँ मुझे उड़ाए लिए
जा रही
पंख पखेरु जाने मेरे
कब के उड़ गए
बेज़ान सी टूट के जब
डाली से मैं गिर पड़ी
अपने अरमानों को डाली पे ही
छोड़ जाने कैसे मैं गिर पड़ी
अभी इसी सोच में ही थी पड़ी
तभी जाने इस हवा ने
मेरे बारे में...
जाने कैसे बनी मेरी हस्ती
यही सोचे जा रही
ख्वाबों ख्यालों में
अपने आप में ही बुदबुदा रही
हवा में पत्ती उड़ रही
जाने क्या ये मुझसे
उड़ते उड़ते कह रही
अब तक जो मंजिल हासिल
कर न पाई मैं
अब ये हवा जाने
कहाँ मुझे उड़ाए लिए
जा रही
पंख पखेरु जाने मेरे
कब के उड़ गए
बेज़ान सी टूट के जब
डाली से मैं गिर पड़ी
अपने अरमानों को डाली पे ही
छोड़ जाने कैसे मैं गिर पड़ी
अभी इसी सोच में ही थी पड़ी
तभी जाने इस हवा ने
मेरे बारे में...