...

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खूबसूरत ख्वाब
ख़्वाब में देकर मोह्ब्बत
वो हकीकत में कहाँ रूठ गये

खुली किताब सी थी जिंदगी अपनी
पढ़ तो ली उसने ,पर कुछ पन्ने अभी भी छूट गए

हमें उम्मीद तो न थी उससे कभी
की मोहब्बत को मेरी पनाह मिल जाये
हाथ थाम ले तो मंजिल न सही
खूबसूरत एक राह मिल जाये

ख़्वाब में देकर मोह्ब्बत
वो हकीकत में कहाँ रूठ गये

खुली किताब सी थी जिंदगी अपनी
पढ़ तो ली उसने ,पर कुछ पन्ने अभी भी छूट गए

© 𝓴𝓾𝓵𝓭𝓮𝓮𝓹 𝓡𝓪𝓽𝓱𝓸𝓻𝓮