...

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नन्हें पाँव
जलती तपती पथ में ,
जब नन्हें नन्हें दो पाँव बेटी के ।

खाली सुनी पाँव में जब एक बेटी ,
माँ के कदमों से आगे कदम बढ़ाती है ।

ना जाने बेटी के खातिर ,
माँ भी क्या ख्वाब मन में संजोती है !

नन्हें नन्हें पाँव बेटी के,
जब जलती तपती पथ को को छुती है।

बेटी के तकलीफों के एहसास ,
एक माँ को सारी पथ मन ही मन तड़पाती है।

हिम्मत टुटती है संघर्ष पथ में,
माँ तब बेटी को होसले पर होसले बढ़ाये चलती है!

वह बेटी भी तब मंजिल के खातिर ,
तेज कदमों से कदम बढ़ाये जाती है।

छः वर्ष के मासुम बेटी भी,
दुनिया को एक नयी सिख सिखलाती है!

नन्ही नन्ही पाँव है उसकी ,
कठिन संघर्षों से पथ को भी खाली पाँव नापने की होसले रखती है।

खाली नन्हें पाँव में ,
जब एक बेटी संघर्ष पथ पर चलती है।

✍️ Laks
Mechanical Engg ( Jharkhand)