बिखर मत रे
निखर जाएगा समझौता कर ले,
बिखर जायेगा ना हठ कर बे;
शीशा कहा टिकता गिर कर रे,
मोहब्बत में बिखरा तू अब संभल ले,
बिखर गया तू हठ करके अब ठहर बे ;
धोखा खा कर भी न बिखर शौर्य बन रे,
है कितनी रौशनी इस जहां में झिलमिला ले,
विश्वास के बिखरे मोती माला में तू पिरो बे,
सुखमय जीवन में गंगा सा तू अविरल बह रे।
Ruchi Arun...✍️✍️
© All Rights Reserved
बिखर जायेगा ना हठ कर बे;
शीशा कहा टिकता गिर कर रे,
मोहब्बत में बिखरा तू अब संभल ले,
बिखर गया तू हठ करके अब ठहर बे ;
धोखा खा कर भी न बिखर शौर्य बन रे,
है कितनी रौशनी इस जहां में झिलमिला ले,
विश्वास के बिखरे मोती माला में तू पिरो बे,
सुखमय जीवन में गंगा सा तू अविरल बह रे।
Ruchi Arun...✍️✍️
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