बारिश
बूंद-बूंद मत बरसो अब तुम
जीवों पर भी तरसो अब तुम
इतना भी क्या बरस रही हो
जीवन से क्या भटक रही हो
देख रही हो बरस-बरस कर
जनजीवन को तरस-तरस कर
न...
जीवों पर भी तरसो अब तुम
इतना भी क्या बरस रही हो
जीवन से क्या भटक रही हो
देख रही हो बरस-बरस कर
जनजीवन को तरस-तरस कर
न...