...

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किस्मत
कितना लड़ू किस्मत से किस्मत भी डरने लगी
जितना उसके करीब जाऊ और आगे बढ़ने लगी
है बादा इक दिन मुलाकात होगी
ये हसी बादिया,नम आंखें कुछ अलग बात होगी

क्यूं भागती हो किस्मत तुम जब तुमको है झुकना
मैं हूं जिद्दी बंदा सीखा जिद पर अड़ना
सीखा जिद पर अड़ना तब तक अड़ा रहूंगा
जब तक नहीं हराऊं मैं तुझको तब तक खड़ा रहूंगा।
© Sumit Kumar