...

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ये कैसी किस्मत हे .....
तन्हाई में सोचा
ये कैसी किस्मत हे
ना पा सका ना खो सका
ये कैसी मोहब्बत हे
बो मेरे पास हे पर मेरा नहीं
दर्द जो दिल में उठता है उसका कोई दबा नही
रोऊ तो भी किसके कंधे में रख कर सर
मेरे दर्द में किसी को गीला नहीं
खुदा भी अब मेरा सुनता नहीं
ना जाने ये कैसे अजरज हे मेरी
ना रख सकी ना छोड़ सकी
बस शिकायत का पोटली ले
खुद से ही में लड़ सकी
ना उसके सामने खुली जुबान
ना उसके सामने दिया ये बयान
घुटती रही बस अंदर ही अंदर
क्या हे सच क्या है झूट
क्या चाहिए हिम्मत अपनो से लड़ने की
या फिर चाहिए हिम्मत खुद से लड़ने की
क्या करू क्या ही करू कुछ समझ नहीं आता
ये जिंदगी इतनी उलझी पड़ी हे की
कुछ नजर ही नहीं आता
छोड़ जाऊ उस पराई चीज को या फिर सहती रहू
इस अकेले पन के दर्द को
लाखो सवाल हे जहन में जवाब ढूंढू तो ढूंढू किसकी
खेर
छोड़ देती हूं सारी विडंबना को और शुरू करती हूं
एक नये सफर को
भूल कर हर दर्द और धोखे को
बस खुशी जो हे पल में उसे समेट के
छोड़ कर पराई चीज को
सुरु करती हूं में खुद की अस्तित्व की तलाश को

✨🥀✨

कभी कभी हम कुछ ऐसे शख्स से मिलते हे और कुछ
ऐसे रिश्ते में बंध जाते हे जहा बो लोग हमारे नही होते बस हमसे बेबझ जुड़े रहते हे और हमारे दिल को तकलीफ देते हे ये को बेबाज का रिश्ता होता है ना उसे छोसेड़ देना चाहिए जो रिश्ता हमे दुख पहाचाए उसे तोड़ देना चाहिए ( जैसे एक तरफा प्यार / या फिर एक तरफी दोस्ती)

© 미스 탄누 में