मेरा बंजारा मन…
मेरा बंजारा मन ही तो था,
भटकता रहता था, हर जगह,
हर शहर, हर गली में, सच्ची
मोहब्बत की तलाश में, और
फिर एक दिन तुम मिल गयी,
और इसकी तलाश वही पर,
हमेशा के लिये ख़त्म हो...
भटकता रहता था, हर जगह,
हर शहर, हर गली में, सच्ची
मोहब्बत की तलाश में, और
फिर एक दिन तुम मिल गयी,
और इसकी तलाश वही पर,
हमेशा के लिये ख़त्म हो...