मैं कुछ यूँ
मैं कुछ यूँ अपने आप से मिल रही हूँ ।
कल से अपने आप को आज मे बेहतर कर ,
अपनी अच्छाइओं से अपनी बुराइयों का सामना कर रही हूँ ।
चिड़ियों की चैचाहटो मे अपने बचपन के दिन बुन रही हूँ ।
कठिनाईओं की लहरों से लड़के अपने सपनों को पूरा कर रही हूँ ।
हिम्मत से भरी , विशवास की राह पे चल रही हूँ ।
मैं कुछ यूँ , अपने आप से मिल रही हूँ ।
© a@radhya🦋
कल से अपने आप को आज मे बेहतर कर ,
अपनी अच्छाइओं से अपनी बुराइयों का सामना कर रही हूँ ।
चिड़ियों की चैचाहटो मे अपने बचपन के दिन बुन रही हूँ ।
कठिनाईओं की लहरों से लड़के अपने सपनों को पूरा कर रही हूँ ।
हिम्मत से भरी , विशवास की राह पे चल रही हूँ ।
मैं कुछ यूँ , अपने आप से मिल रही हूँ ।
© a@radhya🦋