जिंदगी
आज हम जिंदा है ,
क्या पता कब हमारी मौत आ जाए ।
किसी को पता नहीं है।
यह जिंदगी हमने खुद नही बनाई,
ये तो उपर वाले ने बनाया है ।
और ऊपर वाला ही हमारा मौत ।
आज इस दुनिया में है ,
क्या पता कब हमारी मौत आ जाए ।
इसीलिए जिंदगी को खुल कर जियो मेरे यारो,
क्योंकि इस दुनिया जो भी आता है ,
उसको एक न एक दिन जाना ही है।
जिंदगी को खुल कर जीना सीखो ,
एक बंद पिंजरे के जैसे नही ।
जिंदगी बहुत छोटी है ,
हमे एक न एक दिन जाना ही है ,
तो क्यों हम बंद पिंजरे के तरह रहे ।
जिंदगी को खुल कर जियो ,
कौन जानता है कब बिछड़ जायेंगे ।
क्या पता कब हमारी मौत आ जाए ।
क्या पता कब हमारी मौत आ जाए ।
किसी को पता नहीं है।
यह जिंदगी हमने खुद नही बनाई,
ये तो उपर वाले ने बनाया है ।
और ऊपर वाला ही हमारा मौत ।
आज इस दुनिया में है ,
क्या पता कब हमारी मौत आ जाए ।
इसीलिए जिंदगी को खुल कर जियो मेरे यारो,
क्योंकि इस दुनिया जो भी आता है ,
उसको एक न एक दिन जाना ही है।
जिंदगी को खुल कर जीना सीखो ,
एक बंद पिंजरे के जैसे नही ।
जिंदगी बहुत छोटी है ,
हमे एक न एक दिन जाना ही है ,
तो क्यों हम बंद पिंजरे के तरह रहे ।
जिंदगी को खुल कर जियो ,
कौन जानता है कब बिछड़ जायेंगे ।
क्या पता कब हमारी मौत आ जाए ।