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जय श्रीकृष्ण बलराम
श्यामवर्ण कान्हा के प्रिय भ्राता गौरवर्ण बलराम कहलाएं
नटखट लीलाओं से अपनी कान्हा संग ब्रजवासियों का मन लुभाएं
क्षीरसागर में हरी सेवक शेषनाग
पृथ्वी पर रोहिणी के पुत्र बलराम , हलधर , हलायुद्ध, संकर्षण नामों से जाने जाएं
यूं तो सौम्य है रूप अति परंतु अधर्म के विरुद्ध रौद्र हो जाएं
वैकुंठ में हरी की शय्या, द्वारका में दाऊ
जगन्नाथपुरी में भगवान बलराम बन शोभा बढ़ाएं
मलयुद्ध, गदायुद्ध के वीर पल में करदें शत्रुओं को क्षीण
© Hema j