...

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मेरे भगवन
समदर्शी प्रभु नाम तिहारो
पापी हो या पुनीत करते सबका उद्धार
तनिक नहीं करते विचार किसी के गुण,दोष का
जो दिल से कर ले आपको स्वीकार ।
भोले नाथ प्राणपति हो ,दीनों के रक्षापति हो
दशानन रावण हो या महाबली कंस
सबको समदृष्टि से तुमने दिया मोक्ष पद ।
हे जगत पिता तेरी ही सदा जय-जयकार रहे
हर युग में भक्त तुझे पुकार रहे
आते हो तुम उन ख़ातिर ,बदल-बदल अवतार
'अनिता 'को तुमने बख्शी ,वो कला
जिससे मैं तुम्हें पहचान लूं हर बार
तेरा शुक्रिया तेरा शुक्रिया बारम्बार ।