दुनिया के चोचले।
मैंने जो सीखा याद किया,
वो मैं भूलना नही चाहता।
मैने जो पाया कमाया,
वो गवाना नही चाहता।
दुनियां के चोचले,
मैं नही देखता,
मैने जो बोला बताया,
वो मैं झुठलाना नहीं चाहता।
मैंने जो सीखा उसे याद रखा।
जो कमाया उसे सर आंखों पे रखा।
जो बोला बताया उसे जागीर समझ है।
© All Rights Reserved
वो मैं भूलना नही चाहता।
मैने जो पाया कमाया,
वो गवाना नही चाहता।
दुनियां के चोचले,
मैं नही देखता,
मैने जो बोला बताया,
वो मैं झुठलाना नहीं चाहता।
मैंने जो सीखा उसे याद रखा।
जो कमाया उसे सर आंखों पे रखा।
जो बोला बताया उसे जागीर समझ है।
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