स्वतंत्र भारत
वक्त का तकाज़ा तो देखिए जिस देश में जवान जय किसान के नारे हुए करते थे,
आज उसी देश में वहीं किसान अपनी ही बात कहने को दर दर भटक रहा है ,
बात तो क्या ही सुनेगी सरकार उनकी,
कोरोना के बहाने मिलने से भी कतरा रही ,
अब ये बहाना है या उनकी नई चाल ,
जेल में डाला जाए या अपनी ही बात कहने ना दिया जाए,
पर पीठ पीछे वार पर वार बखूबी किया जाए,
ऐसा है देश मेरा जो हर बात कहने में स्वतंत्र हो चुका है ।
© vyanjana
आज उसी देश में वहीं किसान अपनी ही बात कहने को दर दर भटक रहा है ,
बात तो क्या ही सुनेगी सरकार उनकी,
कोरोना के बहाने मिलने से भी कतरा रही ,
अब ये बहाना है या उनकी नई चाल ,
जेल में डाला जाए या अपनी ही बात कहने ना दिया जाए,
पर पीठ पीछे वार पर वार बखूबी किया जाए,
ऐसा है देश मेरा जो हर बात कहने में स्वतंत्र हो चुका है ।
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