...

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मै ऐसी ही हूं
मै ना निराश हूं ना हताश हूं
बस थोड़ी , बेसब्र , बेबाक हूं

मन में जो भी आए कह देती ,
हूं ,सही गलत , अच्छा बुरा कुछ
भी नहीं सोचा करती हूं .....

शायद इसलिए अक्सर जानें
अनजाने लोगो को दर्द दे दिया
करती हूं ...…..

जब मेरी वजह से किसी की
आंखों में नमी हो .......

तो मेरी आंखे भी छुप छुप
कर रोती है, किसी को कुछ
गलत कह दू ,
तो उससे ज्यादा
अपने कहे शब्दो को सोच सोच
कर उससे ज्यादा तकलीफ
मुझे होती हैं ...…।





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