तेरी याद
मैं तेरी याद को इस दिल से भूलाता कैसे?
तू किसी रेत पे लिखी हुई तहरीर नहीं।
वक़्त के साथ जो मिट जाए वो तस्वीर नहीं ।
फ़ासले कितने ही पैदा मेरे हालात करे।दूर तुझसे दिल ए नाशाद नहीं हो सकता।
हाथ से लाख मुझे तुझसे छुड़ाने आए।मैं तेरी याद से आज़ाद नहीं हो सकता।
याद फिर याद है टूटी हुई ज़ंजीर नहीं ।वक़्त के साथ जो मिट जाए वो तस्वीर नहीं ।
दिल है सीने...
तू किसी रेत पे लिखी हुई तहरीर नहीं।
वक़्त के साथ जो मिट जाए वो तस्वीर नहीं ।
फ़ासले कितने ही पैदा मेरे हालात करे।दूर तुझसे दिल ए नाशाद नहीं हो सकता।
हाथ से लाख मुझे तुझसे छुड़ाने आए।मैं तेरी याद से आज़ाद नहीं हो सकता।
याद फिर याद है टूटी हुई ज़ंजीर नहीं ।वक़्त के साथ जो मिट जाए वो तस्वीर नहीं ।
दिल है सीने...