तेरी और मेरी रात में बस फर्क इतना है।💔
comeback with favourite topic😎😁😁
बोली सब के चेहरे में खुशी थी मैं अंदर से रो रही थी,
उस फेरों वाले मंडप में अपना बाबा मै खो रही थी,
मेरे आंख में काजल लगाने वाले किसकी जुल्फों में उलझ गया तू,
कौन राजकुमारी मिल गई है जिसकी आंखों में देख के झुलस गया तू,
तेरे आगे इज्जत तार तार कर दी मैने कितना चाहा था बैरी,
वो आखिरी रात तुझे देख लूं तू क्यों न आया था बैरी,
मेरी खुशियों को क्यों नजर लगी जब काला धागा बांह के...
बोली सब के चेहरे में खुशी थी मैं अंदर से रो रही थी,
उस फेरों वाले मंडप में अपना बाबा मै खो रही थी,
मेरे आंख में काजल लगाने वाले किसकी जुल्फों में उलझ गया तू,
कौन राजकुमारी मिल गई है जिसकी आंखों में देख के झुलस गया तू,
तेरे आगे इज्जत तार तार कर दी मैने कितना चाहा था बैरी,
वो आखिरी रात तुझे देख लूं तू क्यों न आया था बैरी,
मेरी खुशियों को क्यों नजर लगी जब काला धागा बांह के...