...

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अंधेरा
अंधेरा बेबजह बदनाम है, मुझे रौशनी महनूस लगती है ..

अंधेरा बीता हुआ दर्द का सच है और अंधेरा आने बाली नई खुशियों का पैगाम है..

अंधेरा पहचान है मेरी , मुझसे रौशनी में लिखी भी नही जाती..

शब्द दिखते है ,स्याही ,कागज, कलम दिखते है , मेरे जज्बात मुझे नजर नही आती ..

अंधेरा में अश्क (आँसू) छुपाने नही पड़ते..

अंधेरा ख्वाब को सजाना जानती है , रौशनी उस ख्वाब को तोड़ना ..

अंधेरा नींद मुक्कम्बल करती है और रौशनी कसकर आंखों पर पड़ती है ..

अंधेरा सच है मेरा , बीते हुए कल का राज है मेरा ,मेरे कमरें और दिल का हालात है अंधेरा ..

अंधेरा आज है मेरा ,जख़्म भरने का मरहम है मेरा ,अंधेरा परछाई नही ,आईना है मेरा ..

@shashi..