...

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ज़िन्दगी के रंग
# हाँ हमने भी देखें हैं कई रंग ज़िन्दगी के,
एक तो बचपन रंग बेफिक्री का साथी था!
दूजा रंग दोस्त यारों संग किताबों बीच था!
तीजा रंग सफलता-असफलता के पग था!

हाँ हमने भी देखें हैं कई रंग ज़िन्दगी के,
पाँचवा रंग इश्क़ का वफ़ा या बेवफ़ा में था!
छठ्वा रंग तो स्वयं के आत्म-मंथन में था!
और सातवाँ रंग फिर से नई उड़ान में था!

जहाँ से झलकता आठवाँ रंग जिम्मेदारी के!
वहीं से खिलता नवाँ रंग परिवार का था!
यहीं से...