हमे क्यों चुना गया...?
कोई आया फिर देखो कहीँ चला गया।
थी खड़ी फ़सल काटने को जला गया।।
न मालूम फ़िराक में था आया किसके।
भीड़ में तमाशा ज़िंदगी का बना गया।।
कुछ भी ऐसा न दिखाई पड़ा सामने।
पर धूल उड़ाई ऐसी मानो छला गया।।
हवा की तरह आया घर के कोने तक।
खाली नही होता दिल ऐसा समा गया।।
नही मालूम थी क्या ऐहमियत नज़रों में।
अच्छे खासे इंसान को पागल बना गया।।
नही कहा ग़लत कुछ भी सिवा सच के।
लगाये इल्जाम कई वो उल्टा सुना गया।।
तमन्नाएं गिरी हाँसिल न हुआ कुछ भी।
दिया न जितना आज उतना गिना गया।।
बादशाहत गज़ब की देखीये बैठे-बैठे।
न किये जुर्म की मौत सजा बता गया।।
उठती जब बातें आपस मे फैसलों की।
हम अंदर कहा वो बाहर शोर मचा गया।।
ज़मीन से फलक तक होंगे कई सवाल।
थे और भी बहुत हमे क्यों चुना गया।।
© ALOK Sharma
#gazal
#Love&love
#Life
#aloksharma
#alok5star
थी खड़ी फ़सल काटने को जला गया।।
न मालूम फ़िराक में था आया किसके।
भीड़ में तमाशा ज़िंदगी का बना गया।।
कुछ भी ऐसा न दिखाई पड़ा सामने।
पर धूल उड़ाई ऐसी मानो छला गया।।
हवा की तरह आया घर के कोने तक।
खाली नही होता दिल ऐसा समा गया।।
नही मालूम थी क्या ऐहमियत नज़रों में।
अच्छे खासे इंसान को पागल बना गया।।
नही कहा ग़लत कुछ भी सिवा सच के।
लगाये इल्जाम कई वो उल्टा सुना गया।।
तमन्नाएं गिरी हाँसिल न हुआ कुछ भी।
दिया न जितना आज उतना गिना गया।।
बादशाहत गज़ब की देखीये बैठे-बैठे।
न किये जुर्म की मौत सजा बता गया।।
उठती जब बातें आपस मे फैसलों की।
हम अंदर कहा वो बाहर शोर मचा गया।।
ज़मीन से फलक तक होंगे कई सवाल।
थे और भी बहुत हमे क्यों चुना गया।।
© ALOK Sharma
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