इश्क ऐसा भी
चांद तारों से बातें हर रोज़ होती है,
किताब-ए-इश्क के पन्नो पर तुमसे मुलाकात भी हर रोज़ होती है,
आसमां एक होकर भी अलग है,
बस चांद ही तो है जनाब - जिसपे हम दोनो का पूरा हक है।
तुम्हारे बिना -...
किताब-ए-इश्क के पन्नो पर तुमसे मुलाकात भी हर रोज़ होती है,
आसमां एक होकर भी अलग है,
बस चांद ही तो है जनाब - जिसपे हम दोनो का पूरा हक है।
तुम्हारे बिना -...