जो कभी मिले ही नहीं
दिल किसी शाख पर फूल खिले ही नहीं
हमसे उनका हाल मत पूछो जो मिले ही नहीं
मैंने उसकी तस्वीर बना दी
बिना देखे ,मगर वो मेरी तक़दीर में ही नहीं
इक ज़माना बित गया
तुझे देखे
बिन तेरे दिल को चैन कहीं आये ही नहीं
कभी यादों में ही मुस्कुरा दो
फिर ऐसी सुहानी रात आये ही नहीं
मैंने देखा है उन फूलों को
जिन्हें तुमने छुआ था
फिर वो कभी मुरझाए ही नहीं
मैंने...
हमसे उनका हाल मत पूछो जो मिले ही नहीं
मैंने उसकी तस्वीर बना दी
बिना देखे ,मगर वो मेरी तक़दीर में ही नहीं
इक ज़माना बित गया
तुझे देखे
बिन तेरे दिल को चैन कहीं आये ही नहीं
कभी यादों में ही मुस्कुरा दो
फिर ऐसी सुहानी रात आये ही नहीं
मैंने देखा है उन फूलों को
जिन्हें तुमने छुआ था
फिर वो कभी मुरझाए ही नहीं
मैंने...