*बंद हो गई चिट्ठी, पत्री।*फोनों पर पैगाम बहुत है।।*
*अच्छी थी पगडंडी अपनी।*
*सड़कों पर तो जाम बहुत है।।*
*फुर्र हो गई फुर्सत अब तो।*
*सबके पास काम बहुत है।।*
*नहीं जरूरत बूढ़ों की अब।*
*हर बच्चा बुद्धिमान बहुत है।।*
*उजड़ गए सब बाग बगीचे।*
*दो गमलों में शान बहुत है।।*
...
*सड़कों पर तो जाम बहुत है।।*
*फुर्र हो गई फुर्सत अब तो।*
*सबके पास काम बहुत है।।*
*नहीं जरूरत बूढ़ों की अब।*
*हर बच्चा बुद्धिमान बहुत है।।*
*उजड़ गए सब बाग बगीचे।*
*दो गमलों में शान बहुत है।।*
...