ओ शहर
शहर तेरी याद बहुत आती है..
मेरे जेहन में अभी भी वो तेरी तस्वीर याद आती है..
तेरे नुक्कड़ की उस कठ्ठी - कचौड़ी की वो महक याद आती है..
याद आती है हर एक वो चीज़ जो अपने संग बटोर कर लाया था मैं
उस...
मेरे जेहन में अभी भी वो तेरी तस्वीर याद आती है..
तेरे नुक्कड़ की उस कठ्ठी - कचौड़ी की वो महक याद आती है..
याद आती है हर एक वो चीज़ जो अपने संग बटोर कर लाया था मैं
उस...