नन्हा सा लड़का
नन्हा सा लड़का
घर से था निकला
लेने को सामान
भूल गया रस्ता
रास्ते में अटका
करने लगा विचार
पूछकर रस्ता
पहुंचा वह हंसता
बनिए की दुकान
लेकर वह सौदा
चल दिया घर को
भूल कर के दाम
घर में जो पहुंचा
अम्मी ने डांटा
आंसू बहे हज़ार
पापा ने जो देखा
गोद में उठाया
चल दिए दुकान
हंसता हुआ घर को
लौटा वो फ़िर तो
लेकर खुशी तमाम
घर से था निकला
लेने को सामान
भूल गया रस्ता
रास्ते में अटका
करने लगा विचार
पूछकर रस्ता
पहुंचा वह हंसता
बनिए की दुकान
लेकर वह सौदा
चल दिया घर को
भूल कर के दाम
घर में जो पहुंचा
अम्मी ने डांटा
आंसू बहे हज़ार
पापा ने जो देखा
गोद में उठाया
चल दिए दुकान
हंसता हुआ घर को
लौटा वो फ़िर तो
लेकर खुशी तमाम