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मेरी मजार पर।
मेरी मजार पर तारक के तोरण अब धुल हो गए।
बुझ गई सांसें मिट्टी में, यादें आज जमींपर मीनार हो गए।
मेरे हीय की थाह नहीं, न् जाने ह्रदय-जीवन की सांसें गुम हो गए।
मेरे प्रिय तुम, न जाने सघन प्रेम स्पंदन ले विदा हो गए।
तेरे आवगमन के तारों पर,आज वीणा में गीत बंद हों गए।
जीवन में रचना चित्रपर,अविरल दृश्य मंद हो गए।
मेरी मजार पर तारक के तोरण अब धुल हो गए।
#writcopoem
@kamal
बुझ गई सांसें मिट्टी में, यादें आज जमींपर मीनार हो गए।
मेरे हीय की थाह नहीं, न् जाने ह्रदय-जीवन की सांसें गुम हो गए।
मेरे प्रिय तुम, न जाने सघन प्रेम स्पंदन ले विदा हो गए।
तेरे आवगमन के तारों पर,आज वीणा में गीत बंद हों गए।
जीवन में रचना चित्रपर,अविरल दृश्य मंद हो गए।
मेरी मजार पर तारक के तोरण अब धुल हो गए।
#writcopoem
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