खुद ही का दुश्मन
किसी और से रश्क करने की तुझे क्यूँ होगी जरूरत?
तू तो खुद ही खुद का दुश्मन जो है ठहरा;
किसीके आँखों की अश्क पोछने की तुझे कहाँ होगी...
तू तो खुद ही खुद का दुश्मन जो है ठहरा;
किसीके आँखों की अश्क पोछने की तुझे कहाँ होगी...