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शीर्षक - प्रीत रंग।
शीर्षक - प्रीत रंग।

रंग दो मोहे अपने प्रेम रंग से,
प्रियवर प्रीत रंग चढ़ाओ ना।
इस होली की उमंग में देखो,
प्रिय इस बार तो आओ ना।

क्या ये होली भी रूखी होगी,
कुछ तो सही तुम बताओ ना।
अँखिया ताक रही राह तुम्हरी,
ऐसे तो ना पिया...