...

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जंजीर

इन जंजीरों को तोड़कर
रुख हवा का मोड़कर
चल रहे हैं देखो हम
हिम्मत अपना थामकर

कुछ सपनो को अपनाकर
अपने रिश्तों को भुलाकर
चुना है हमने मंजर ये
दिल - लगी से नाता छुड़ाकर

अरमानों को दफनाकर
देशभक्ति को कर उजागर
बढ़ रहे है आगे हम
देश का तिरंगा लहराकर

कई कसमों को भुलाकर
आपने आसूं दिल में छुपाकर
कर रहें है सफर हम
देश पर मोहब्बत लुटाकर



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