...

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रिमझिम बरखा.... 💕💕
रिमझिम बरखा बरस रही है
झिलमिल बूंदों कि लड़ियों से
तन मन को भिगो रही है
अहसास नया सा उमंग नयी सी
मदहोशी सी जगा रही है
जीने का नया जोश जगा
मंजिलो तक जाने कि
जूनूनियत को बढ़ा रही है
रिमझिम बरखा बरस रही है 💕💕

वन-उपवन,बाग-बगीचे
हरे भरे सब हो चले हैं
भीनी-2 मिट्टी कि खुशबु से
सारी गलियां महक उठी हैं
चहक रहे हैं पक्षी सारे
आसमान मे पँख पसारे
दुनियां सारी झूम रही है
रिमझिम बरखा बरस रही है 💕💕

मिला रही हैं बारिश कि बुँदे
असमा को जमी से
नहीं कोई भेदभाव रखा
भिगो रही सारे जग-जीवन को
खेत खलियान ओढ़े हरियाली कि चादर खिलखिला रहे है
बागो मे डाले झूले बच्चे
हर लम्हा मुस्कुरा रहे हैं
जीवन के रंगीन नज़ारो को दिखा रही
रिमझिम बरखा बरस रही है 💕💕

कह रही है नया उजाला
नयी रोशिनी सँग लायी हूँ
हर अंधियारे को दूर कर
बहुत पीछे छोड़ आयी हूँ
दुख के आँसुओ को मिटा
सुख कि मुस्कान बिखेर रही हूँ
छोड़ निराशा सारी उम्मीद कि
किरणे सज़ा रही हूँ
मतवाली बावली पवन सँग झूम नाच गा रही हूँ
रिमझिम बरखा बरस रही है 💕💕

इश्क कि इंतहा के इंतज़ार
का सबब चकोर को दिला रही है
बिछड़े साथियो मे मिलन कि
प्यास जगा रही है
कहीं दिलो मे आग तो
कहीं ठंढ़क पहुंचा रही है
सारी हदो को तोड़ लोगों के
दिलो मे जगह बना रही है
अपनी ही धुन मे लहराती बलखाती
मोहब्बत कि दस्ता गुनगुना रही है
रिमझिम बरखा बरस रही है 💕💕

कल्पना@कल्पू