...

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मुस्कुराकर मिलें
चलो भुला दें हम सारे शिकवे गिले, जब भी मिले हम मुस्कुराकर मिले
जिए हम नए अंदाज में, वही,,, हमारी पुरानी वाली दोस्ती मेें मिलें

तेरे अपनत्व के लिए ही, हमें दिन-रात इन्तज़ार रहता है
तुमसे ही तो मेरा स्नेह है, तुमसे ही तो दिलों का नाता है
ज़िन्दगी में अगर कभी मुलाकात हो जाए, तो हम-तुम मुस्कुराकर मिले

कब से संजोए रखा है, मैने तेरे हिस्से का स्नेह
लौट आ मेरे दोस्त, तेरे इन्तज़ार में है मेरी हर सुबह
लौटने में देर ना करना, तुम आओ पर हम ना मिले
आओ हम-तुम फिर मुस्कुराकर मिले

तेरी इन्तज़ार में ये पलकें भी अक्सर हो जाती है नम
तेरे साथ बिताए अच्छी यादों में, अब तक उम्मीदें हमारी ना हुयी कम
ये भावनाएँ ही तो है, जिससे हमारा मन मिले
आओ हम-तुम फिर मुस्कुराकर मिले

हमारी दोस्ती का नजराना जीवंत रहने दें, पावन प्रीत को यूं ही दिलों में बसने दें, तुम्हारी खुशियों से मेरा भी मन खिले, भावी जीवन में यदि हम-तुम कहीं मिले, बस, हम मुस्कुराकर मिले।

सारा गुस्सा, सारा दर्द बाँट ले, कोई अफसोस न रहे कल
ना रहना नाराज अब हमसे, हम हो जाए इतना सरल
मिट जाएगी सारी गलतफहमियां, हाँ उसी पल
हम नई उम्मीद में मिले, आओ हम-तुम फिर मुस्कुराकर मिले।
© 💥A. Suryavanshi💥