अलग कर दे...💯✍️✍️ (कविता)
ईर्ष्या, दम्भ, द्वेष अलग कर दे
छल कपटी भेष अलग कर दे
निज मान बचा ले जीवन में
मिथ्या परिवेश अलग कर दे
चहुं ओर बढ़ा निज कीर्ति को
किंचित मैं शेष अलग कर दे
कर दान दया का पुण्य कमा
मन...
छल कपटी भेष अलग कर दे
निज मान बचा ले जीवन में
मिथ्या परिवेश अलग कर दे
चहुं ओर बढ़ा निज कीर्ति को
किंचित मैं शेष अलग कर दे
कर दान दया का पुण्य कमा
मन...