अनदेखी डोर
वो धागा जो कभी नज़र नहीं आता,
फिर भी हर दिल से दिल को जोड़ जाता।
फ़ासले कितने भी हों, क्या होता है,
वो पास खींच कर दिलों को ला देता है।
रिश्तों में ऐसी...
फिर भी हर दिल से दिल को जोड़ जाता।
फ़ासले कितने भी हों, क्या होता है,
वो पास खींच कर दिलों को ला देता है।
रिश्तों में ऐसी...