...

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आनॅलाइन ( कविता )
ऑनलाइन का है जमाना
अब भ्रष्टाचार से कैसा घबराना ।
वो बात अलग है बेईमानो की
वो तो समुद्र की लहरे गिनने मे भी बेईमानी कर लिया करते है
वो ही करपॅशन के नाम पर इंडिया मे दूसरो को गाली दिया करते है ।
बच्चों का दाखिला या हो शिक्षा अब तो ऑनलाइन...