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सच्ची यादें
मै नई नई आयी
कुछ पता ना था
दुनियाँ का पर
कुछ ऐसा लगा
जेसे कोई दोस्त
नया मिला
मेरी हाईट कम
उसके मुकाबले
दे दिया कि
group मे काम
करो मैं कैसे
बात करू उससे
वो खुद ही
कमर झुका लेता
और कहता
तुम लम्बी नहीं
तो क्या मैं
झुक जाऊंगा तो
छोटा नहीं हो
जाऊँगा फिर
हसने लगते
वो भी क्या
दिन थे
जब कोई
परवाह ना थी
टिफिन मे चार
पराठे मम्मी रख देती
क्योंकि उन्हे
पता था मेरे
सारे दोस्त
लंच मे छीना झपटी
करते है
पर अब सब
नहीं तो क्या
यादे तो है।
© 🦋⃟𝕾hivـــ٨ﮩﮩ❤️ﮩﮩ٨ــ🦋⃟⃟𝕾hakti
कुछ पता ना था
दुनियाँ का पर
कुछ ऐसा लगा
जेसे कोई दोस्त
नया मिला
मेरी हाईट कम
उसके मुकाबले
दे दिया कि
group मे काम
करो मैं कैसे
बात करू उससे
वो खुद ही
कमर झुका लेता
और कहता
तुम लम्बी नहीं
तो क्या मैं
झुक जाऊंगा तो
छोटा नहीं हो
जाऊँगा फिर
हसने लगते
वो भी क्या
दिन थे
जब कोई
परवाह ना थी
टिफिन मे चार
पराठे मम्मी रख देती
क्योंकि उन्हे
पता था मेरे
सारे दोस्त
लंच मे छीना झपटी
करते है
पर अब सब
नहीं तो क्या
यादे तो है।
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