...

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कुछ नहीं था.... 💕
पढ़ीं है मैंने..
हजारों कविताएँ..
जो लिखी गई है..
प्रेम से...
प्रेम के लिए..
और..
कुछ कविताएँ..
मैंने..भी..लिखी है..
प्रेम से..
प्रेम के लिए..
मगर.. जब..
उन कविताओं.. को..
मैनें.. जिया..
तो..
ऐसा.. कुछ भी नहीं था... 💕
✍ - sharmila rakhashiya
© sharmila rakhashiya