![...](https://api.writco.in/assets/images/post/default/story-poem/normal/RELATIONSHIP B.webp)
3 views
ओ रंगरेज
ओ रंगरेज मेरे
अपने ही रंग में
आज क्यूँ ना
तू मुझे रंग दे
वो प्यार का रंग
वो मुसकुराहट का सबब
वो तेरी भीनी सी खुश्बू
क्यूँ ना तू मुझे
उन् सारे हको से
वाकिफ करदे
ओ रंगरेज मेरे
अपने ही रंग में
आज क्यूँ ना एक बार
तू मुझे रंग दे
वो तेरे गमो की रातें
वो तेरी मुश्किलो की बातें
वो तेरे चेहरे कि धुंध
क्यूँ ना तू
अपनी इस दीवानी को
इस् हसीन सौदे मे दे दे
ओ रंगरेज मेरे
अपने ही रंग में
एक् बार ही सही
तू मुझे को रंग दे
© Confusedtales
अपने ही रंग में
आज क्यूँ ना
तू मुझे रंग दे
वो प्यार का रंग
वो मुसकुराहट का सबब
वो तेरी भीनी सी खुश्बू
क्यूँ ना तू मुझे
उन् सारे हको से
वाकिफ करदे
ओ रंगरेज मेरे
अपने ही रंग में
आज क्यूँ ना एक बार
तू मुझे रंग दे
वो तेरे गमो की रातें
वो तेरी मुश्किलो की बातें
वो तेरे चेहरे कि धुंध
क्यूँ ना तू
अपनी इस दीवानी को
इस् हसीन सौदे मे दे दे
ओ रंगरेज मेरे
अपने ही रंग में
एक् बार ही सही
तू मुझे को रंग दे
© Confusedtales
Related Stories
6 Likes
2
Comments
6 Likes
2
Comments