ज़िंदगी का इम्तिहान...
ऐ ज़िंदगी, इतना भी इम्तिहान न ले,
कि एक तेरे लिए हर साँस पर समझौता करूँ।
जीने का शौक तो है, पर इतना भी नहीं,
कि घुट-घुट कर जीऊँ।
इस दिल को दर्द बेशुमार मिला है,
पर दर्द को आँखें न मिलीं।
छुपे अश्कों का बोझ ढोया मैंने,
पर...
कि एक तेरे लिए हर साँस पर समझौता करूँ।
जीने का शौक तो है, पर इतना भी नहीं,
कि घुट-घुट कर जीऊँ।
इस दिल को दर्द बेशुमार मिला है,
पर दर्द को आँखें न मिलीं।
छुपे अश्कों का बोझ ढोया मैंने,
पर...