स्त्री हूं मैं
स्त्री हूं मैं, एक रूहानी कहानी हूं मैं,
जो समझा मुझे उसके लिए सुहानी हूं मैं ।
जीवन की हर डगर पर हंसती रवानी हूं मैं,
बढूं तो उगता सूरज, ठहरु तो शाम मस्तानी हूं मैं ।
स्त्री हूं ,...
जो समझा मुझे उसके लिए सुहानी हूं मैं ।
जीवन की हर डगर पर हंसती रवानी हूं मैं,
बढूं तो उगता सूरज, ठहरु तो शाम मस्तानी हूं मैं ।
स्त्री हूं ,...