shauk
शौक तो हम भी पाल सकते हैं जिस्म बदलने का ,
पर मजबूर ये दिल हर तरफ आज भी तेरी रूह ही ढूंढता है ,
दर-बदर हर चौखट पे जाके...
पर मजबूर ये दिल हर तरफ आज भी तेरी रूह ही ढूंढता है ,
दर-बदर हर चौखट पे जाके...