सपनों की सरगमी
सुबह की शांति में एक सपना उड़ा,
आसमान के आंचल में वह फिर से छूटा।
बादल की गोदी में लहराते हुए,
आशा की रेखा पर वह चलता रहा।
नीचे की दुनिया में आवाज़ें बसी,
पर यहाँ शांति में एक ख़ुशी थी सजी।
वृक्ष झुके, नदियाँ...
आसमान के आंचल में वह फिर से छूटा।
बादल की गोदी में लहराते हुए,
आशा की रेखा पर वह चलता रहा।
नीचे की दुनिया में आवाज़ें बसी,
पर यहाँ शांति में एक ख़ुशी थी सजी।
वृक्ष झुके, नदियाँ...