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एक सवाल...
क्यों लड़कियों को बोझ समझ लिया जाता है...??बिना कुछ किए भी बदनाम किया जाता है..

सोचते है बेटा पढ़ेगा तो नाम होगा....
लेकिन बेटी घर से निकले तो नाम बदनाम होगा..
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क्यों नहीं आजादी दी जाती लडको जैसी..
दुनिया की ये कुटिल रीत है कैसी...

लड़की की डोर को हाथो से हमेशा थाम लिया जाता है..
क्यों लड़कियों को बोझ मान लिया जाता है...???


लड़का उपलब्धि हासिल करे तो तारीफ दी जाती है..
फिर लड़की से क्यों उसकी मंजिल छीन ली जाती है..??


लडको को काबिलियत पर जजमेंट दिया जाता है.
लेकिन लड़की के क्यों कपड़ों पर भी कॉमेंट किया जाता है..??

उसे उसकी बातो और पहनावे से पहचान लिया जाता है..
क्यों लड़कियों को बोझ मान लिया जाता है...??

उड़ने से पहले उसके पंखों को काट दिया जाता है...
शादी के ना पर क्यों उसे दूसरों में बांट दिया जाता है...???

लड़की ती तरह किसी को चाह के तो देखो..
उसकी तरह दर्द में भी आंसू छुपा कर देखो..

समझोगे तब उसकी तकलीफ...को
भूल जाओगे तुम सामाजिक तहजीब को....

जिसकी देवी की तरह पूज कर सम्मान दिया जाता है..
फिर क्यों उस लड़की को

क्यों लड़कियों को बोझ समझ लिया जाता है...????

-manishaakshetry