...

9 views

सब मजाक था
यूँ तो मैंने कभी सोचा नहीं था..
ना चाहां था...
बस सब मजाक बनता गया..
कभी घर से बेघर हुआ,
कभी लौटकर घर गया..
बड़ी अजीब दास्ताँ है जिंदगी भी...
खुशियों के पीछे भागतें हैं,
दुःखों का सहारा लेकर...
गवांई गयी मौत भी,
जिया गया लम्हा भी...
उलझनें हर लेकर भागता रहा,
दिल भी करता है खौर जो...
यूँ तो मैने कभी सोचा नहीं था..
ना चाहां था
© All Rights Reserved